इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां
दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां
दीदे मेरे इऊं लगदे जिवें कोई वीरान सड़क
दिल मेरे विच हाले वी पैंदी तेरे नां दी रड़क
इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां
दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां
हर आऊंदे जांदे राही चों मैंनू तेरा झौला पैंदा
तेरे आऊण दी आस विच दिल दा बूहा खुल्ला रहिंदा
इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां
दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां
अक्खीयां मेरीयां मंगदीयां ने कजल्ले दी धारी
आ के वस जा अक्खीयां विच बंद करलां नैण पटारी
इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां
दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां
पलकां मेरीयां बैठीयां ने तेरे आऊण दी आस लगाई
दिन तां मेरा लंघ जांदा पर डस्से रात दी तन्हाई
इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां
दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां
मेरे ज़ेहन से गुज़र कर हाथों के रस्ते सफ़ेद आकाश में उड़ान भरतें हैं नीले कबूतर इन कबूतरों को रब की उम्र लग जाये
Monday, February 16, 2009
Sunday, February 8, 2009
तलाश
ख़ुद नूं ही ख़ुद दी तलाश मार गई
मैंनू इह शराब बेहिसाब मार गई
पी के ख़ुद नूं टोल्ह रिहा हां
ना जाणे किस नाल बोल रिहा हां
लभदा हां ख़ुद नूं गिलासां विच मैं
कदी लभदा हां रंग-बिरंगे लिबासां विच मैं
लभदा हां लोकां दियां अक्खां विच मैं
कदी लभदा हां गलियां के कक्खां विच मैं
ख़ुद नूं ही ख़ुद दी तलाश मार गई
मैंनूं इह शराब बेहिसाब मार गई
मैंनू इह शराब बेहिसाब मार गई
पी के ख़ुद नूं टोल्ह रिहा हां
ना जाणे किस नाल बोल रिहा हां
लभदा हां ख़ुद नूं गिलासां विच मैं
कदी लभदा हां रंग-बिरंगे लिबासां विच मैं
लभदा हां लोकां दियां अक्खां विच मैं
कदी लभदा हां गलियां के कक्खां विच मैं
ख़ुद नूं ही ख़ुद दी तलाश मार गई
मैंनूं इह शराब बेहिसाब मार गई
Wednesday, February 4, 2009
जब से तुम हो गई
ये आंखें है पत्थराई
अच्छी लगती है तन्हाई
जब से तुम हो गई...
ये दुनिया है इक मेला
भीड़ में हूं फिर भी अकेला
जब से तुम हो गई...
अश्क बहाते हैं ये नैन
अब न दिल को मेरे चैन
जब से तुम हो गई...
न चिड़िया करती मुझसे बातें
अब न फूल ही मुझको भाते
जब से तुम हो गई...
चाहता हूं सूरज छिप जाए
अगला दिन कभी न आए
जब से तुम हो गई...
मेरी सांसें भी थम जाएं
मुझको नींद से न कोई जगाए
जब से तुम हो गई...
अच्छी लगती है तन्हाई
जब से तुम हो गई...
ये दुनिया है इक मेला
भीड़ में हूं फिर भी अकेला
जब से तुम हो गई...
अश्क बहाते हैं ये नैन
अब न दिल को मेरे चैन
जब से तुम हो गई...
न चिड़िया करती मुझसे बातें
अब न फूल ही मुझको भाते
जब से तुम हो गई...
चाहता हूं सूरज छिप जाए
अगला दिन कभी न आए
जब से तुम हो गई...
मेरी सांसें भी थम जाएं
मुझको नींद से न कोई जगाए
जब से तुम हो गई...
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