tag:blogger.com,1999:blog-54062745224789141212024-02-19T06:38:14.759-08:00नीले कबूतरमेरे ज़ेहन से गुज़र कर
हाथों के रस्ते
सफ़ेद आकाश में
उड़ान भरतें हैं
नीले कबूतर
इन कबूतरों को
रब की उम्र लग जायेvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.comBlogger44125tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-39121911814425789012011-02-11T03:59:00.000-08:002011-02-11T04:18:48.165-08:00वेश्या<span style="font-weight: bold;">ये कविता मूल रूप से पंजाबी की है और इसका अनुवाद भी साथ में लिख रहा हूं</span><br /><br />मत्थे ते चिंता<br />अक्खां विच आस<br />गल्लां ते लाली<br />बुल्लां ते सुर्खी<br />मैं मूरत हां<br /><br />खंडर हां<br />बंजर हां<br />हरे-भरे खेतां विच<br />सुक्का दरख़्त हां<br />मैं प्यास हां<br /><br />दीवे दी फड़फड़ांदी लाट हां<br />लोकां दे हत्थी मिणया आकाश हां<br />हनेरी हां, झक्खड़ हां<br />बेकस हां, बेकल हां<br />भटकन हां<br />भटकन दा ठहराव हां<br />बालड़ी हां<br />कुच्छड़ खड़ौणा है<br />खेड हां<br />लोकां दी भुक्ख हां<br />मेरी देह ते लिखया है<br />सु-स्वागतम्<br />----------------<br /><span style="font-weight: bold;">अनुवाद</span><br /><br />माथे पे चिंता<br />आंखों में आस<br />गालों पे लाली<br />होठों पे सुर्खी<br />मैं मूरत हूं<br /><br />खंडर हूं<br />बंजर हूं<br />हरे-भरे खेतों में<br />सूखा दरख़्त हूं<br />मैं प्यास हूं<br /><br />दीये की फड़फड़ाती लौ हूं<br />लोगों के हाथों से नपा आकाश हूं<br />अंधेरी हूं, बवंडर हूं<br />बेकस हूं, बेकल हूं<br />भटकन हूं<br />भटकन का ठहराव हूं<br /><br />बच्ची हूं<br />बगल खिलौना है<br />खेल हूं<br />लोगों की भूख हूं<br />मेरी देह पे लिखा है<br />सु-स्वागतमvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com51tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-27718625717357691132010-12-02T04:30:00.000-08:002010-12-02T04:40:23.441-08:00बाज़ारक्यूं लिखूं कविता?<br />ताकि<br />उधेड़ दिया जाए<br />और कतरा-कतरा<br />बिखेर दिया जाए<br />शुष्क हवाओं में<br />और सूरज की<br />तपिश भस्म कर दे<br />उन विचारों को<br />उन संवेदनाओं को<br />जो मेरे जिस्म में<br />सिंचे हैं<br />क्यूं लिखूं कविता?<br />जबकि पता है<br />बिकाऊ होते जा रहे<br />अहसासों के बाज़ार में<br />बिकेगी लिफ़ाफ़ा-दर-लिफ़ाफ़ा<br />या<br />पड़ी होगी किसी कबाड़ी की दुकान पर<br />फिर से री-साइकिल होकर<br />बिकने के लिए<br />ताकि लिखी जाए<br />फिर नई कविताvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com22tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-65406290696801953542010-07-09T08:01:00.000-07:002010-07-09T08:04:57.064-07:00मैं मिट्टी दी मिट्टीमिट्टी<br />पाणी<br />घड़ा<br />तेरे बाजों मेरा वजूद नाहीं<br />तूं काफ़ूर हो गयैं।<br />मैं तिड़क गई<br />लोकां दी खेड<br />फिर मिट्टी दी मिट्टीvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-52869941563130583152009-11-04T08:47:00.000-08:002009-11-04T08:51:52.077-08:00क्या बताऊंक्या बताऊं इन आंखों ने क्या मंज़र देखा<br />धरती के सीने में उतरता खंजर देखा<br />जिस धऱती पे थे उगते फूल शफ़ा के<br />उस धरती पे लहू का समंदर देखा<br /><br />क्या पूछते हो, क्यूं आंखें नम हैं<br />उस समंदर को भीतर उफनते देखा<br />दिल से हल्की सी इक आह निकली<br />आह को बवंडर में बदलते देखा<br /><br />कल था देखा बच्चे भागें पतंग के पीछे<br />आज उन हाथों में लहू सना खंजर देखा<br />क्या बताऊं इन आंखों ने क्या मंज़र देखा<br />धरती के सीने में उतरता खंजर देखाvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-9880555774950272482009-04-19T04:14:00.000-07:002009-04-19T04:23:20.045-07:00हंजू (आंसू)रड़कीयां अक्खां<br />थिड़के हंजू<br />डिगदे धरत दी छाती ते<br /><br />न इह मिट्ठे<br />न इह लूणे<br />इह ने दर्द विहूणे<br /><br />करदां हां अरजोई<br />कोई बक्शे<br />मेरे हंजुआं नूं दंदासा<br /><br />जां कोई मारे<br />मेरे नैणां ते<br />दर्दां दा गंडासा<br /><br />करदा है दिल<br />कोई मारे<br />अक्खां विच<br />सीखां तत्तीयां करके<br /><br />न इह रड़कन<br />न इह थिड़कन<br />जो डिगदे धरत दी छाती ते<br />-विजय मौदगिलvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com17tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-37534836290279312342009-04-11T06:53:00.000-07:002009-04-11T06:58:26.333-07:00आशिकों का कारवांआशिकों का कुछ यूं कारवां बनता रहा<br />जैसे शमां पे परवाना पिघलता रहा<br />सूरज की अगन को पाने के लिए<br />कुकनूस सदियों से राख बनता रहा<br />चांद को ही पाना है चकोर का सबब<br />इसीलिए वो रातभर भटकता रहा<br />बाहें खोले बैठी है समुद्र में सीप<br />बारिश का एक तुपका सीप में ढलता रहा<br />यूं ही नहीं बनता है ये कारवां<br />करनी पड़ती है इश्क़ पे जांनिसांvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-51287763863195473412009-04-08T02:26:00.000-07:002009-04-08T02:31:14.538-07:00इश्क़न जीण दी सुध न मरण दी चाह<br />इह इश्क़ बड़ा है बेपरवाह<br />इह वसिया मेरी रूह दे अंदर<br />जो डंगदा है मैनूं हर साह<br />न इश्क़ दी है कोई जात पात<br />है इश्क़ दा रब्ब इश्क़ ही आप<br />जा इश्क़ नहा<br />जा इश्क़ ही पा<br />जा इश्क़ कमा<br />जा इश्क़ ही खा<br />जे बुल्लिया तूं इश्क़ न करदा<br />रहिंदा विच गल्लियां दे सड़दा<br />तूं इश्क़ कमाया<br />तूं इश्क़ ही पाया<br />इस इश्क़ ने तैनूं पार लगाया<br /><strong>-विजय मौदगिल</strong>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com14tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-80643794242845412652009-04-05T10:24:00.000-07:002009-04-08T02:26:10.678-07:00युगां दी आवाज़युगां-युगांतरां तो मैं सुणदा हां इक आवाज़<br />जो मैनूं कर जांदी है बदहवास<br />इह बलाउंदी है मैनू आपणे कोल<br />जिहनूं सुणदियां मेरी जिंद जांदी है डोल<br />इह लगदी है आवाज़ मैनूं शिव दे पैरां दी<br />जदों उह तांडव है करदा<br />नहीं, नहीं<br />इह तां है कृष्ण दी बंसरी दी आवाज़<br />उह जदों लीलावां है करदा<br />नहीं-नहीं<br />इह आवाज़ है शायद शकुणी दी<br />जो द्रोपदी दे चीरहरण दियां जुगतां है करदा<br />नहीं यार<br />शायद इह आवाज़ है लैनिन दी<br />जद पहिली वार उह लाल सलाम दा नारा है फड़दा<br />नहीं<br />इह आवाज़ है किसे मज़दूर दी<br />जद उह गैंती नाल सड़कां है पट्टदा<br />नहीं<br />मैनूं लगदै इह है मेरी आपणी आवाज़<br />इह मैनूं करदी है बदहवास<br />जो सददी है मैनूं आपणे कोल<br />जिहनूं सुणदियां मेरी जिंद जांदी है<br /><strong>विजय मौदगिल</strong><br /><span class=""></span>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-73019059594228778902009-04-02T04:29:00.000-07:002009-04-02T05:04:05.320-07:00तड़पफुल्लां नाल घिरया कंडा<br />कंडे नाल अटकी बूंद<br />बूंद आखे मैनूं गल नाल ला लै<br />धरतिए, मैं रही शदाइयां झूम<br />जद असमानों उत्तरी<br />तैनूं मिलने दा चाअ<br />तैनूं मिलने दी तांघ विच<br />दिता सब गुआ<br />तैनूं मिलने दे चाईं<br />गई कंडिया विच घिर आ<br />ना छडदै ततड़ा कंडड़ा<br />नाले सोखे धुप बेपरवाह<br />मैं हां भुक्खी तेरे प्यार दी<br />मैंनू, तैनू मिलने दा चाअ<br />भैड़ा जग पिया खड़-खड़ वेखदा<br />मेरी जिंद रई ए कुरला<br />तूं ला लै मैनूं हिक नाल<br />मैं जावां तेरे विच समाvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-10167656307823887562009-03-28T09:16:00.000-07:002009-03-28T09:25:21.270-07:00नाराजग़ीपता नईं क्यों मेरा इह दोस्त नाराज़ रहिंदा है<br />कदी इह चुप कर जादां है, कदी चुप कीते ही आवाज देंदा है<br />कदी करदै ग़ुज़ारिश मैनूं इह चुप कीते हस्सण दी<br />कदी इह मेरे सुन्ने हासियां नूं अहसास देंदा है<br />कदी इह पूंजदा ए अथरू मेरे आपणे हत्थां नाल<br />कदी इह रोण विच वी मेरा साथ देंदा है<br />कदी दिल करदा है इह मैनूं आ गलवक्कड़ी पा जावे<br />कदी दिल करदा इह मैथों सदा लई दूर चला जावे<br />इह जद रुस्स जावे ता मेरे दिल विच टीस है उठदी<br />कदी इह मैनूं सुत्ते नूं वी आवाज़ देंदा है<br />मैं चाहना हां कदी वी इह मेरा साथ न छड्डे<br />जो पांदा है मेरी हर बात विच ओह बात ना छड्डे<br />इह चुप्प कीते जो मैनूं आवाज़ है देंदा<br />किते चुप कीते ही इह उह आपणी आवाज़ न छड्डे<br /><div align="right">-विजय मौदगिल</div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-55023456562248282492009-03-04T08:53:00.000-08:002009-03-04T09:10:03.333-08:00नज़म- शब्दां दी मरहमन मेरी नज़्म दी बंदिश<br />न मेरी ग़ज़ल दी है बहिर<br />इह दुनिया ज़ख़्म है देंदी<br />इह शब्द मरहम ने धरदे<br /><br />है सियाही जद कदी मुकदी<br />तां मेरे पीड़ है उठदी<br />इउं लगदा है जिवें मेरे हत्थां ते<br />पैर कोई धर दे<br /><br />मैं जद लिखदां हां तां वरका वी<br />मैनूं सीस है देंदा<br />इन्हां शब्दां दे करके ही<br />तां साडे कुल-कुलां तरदे<br /><br />मैं जद गानां हां इन्हां शब्दां नूं<br />तां इंज है लगदा<br />जिवें सूली ते चड़दे मनसूर नूं<br />दीदार हुंदे ने रब्ब दे<br /><div align="right"><strong>विजय मोदगिल</strong></div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-88478259725067180772009-02-16T04:22:00.000-08:002009-02-16T04:31:35.758-08:00आस (उम्मीद)इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां<br />दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां<br />दीदे मेरे इऊं लगदे जिवें कोई वीरान सड़क<br />दिल मेरे विच हाले वी पैंदी तेरे नां दी रड़क<br />इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां<br />दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां<br />हर आऊंदे जांदे राही चों मैंनू तेरा झौला पैंदा<br />तेरे आऊण दी आस विच दिल दा बूहा खुल्ला रहिंदा<br />इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां<br />दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां<br />अक्खीयां मेरीयां मंगदीयां ने कजल्ले दी धारी<br />आ के वस जा अक्खीयां विच बंद करलां नैण पटारी<br />इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां<br />दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खां<br />पलकां मेरीयां बैठीयां ने तेरे आऊण दी आस लगाई<br />दिन तां मेरा लंघ जांदा पर डस्से रात दी तन्हाई<br />इह अक्खां कद तक खुल्लीयां रक्खां<br />दुनिया वसदी बहुत, मैंनू तेरीयां रक्खांvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-40784083686598864682009-02-08T08:00:00.000-08:002009-02-08T08:07:12.331-08:00तलाशख़ुद नूं ही ख़ुद दी तलाश मार गई<br />मैंनू इह शराब बेहिसाब मार गई<br />पी के ख़ुद नूं टोल्ह रिहा हां<br />ना जाणे किस नाल बोल रिहा हां<br />लभदा हां ख़ुद नूं गिलासां विच मैं<br />कदी लभदा हां रंग-बिरंगे लिबासां विच मैं<br />लभदा हां लोकां दियां अक्खां विच मैं<br />कदी लभदा हां गलियां के कक्खां विच मैं<br />ख़ुद नूं ही ख़ुद दी तलाश मार गई<br />मैंनूं इह शराब बेहिसाब मार गईvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-91719489950059385472009-02-04T00:53:00.000-08:002009-02-04T00:58:10.136-08:00जब से तुम हो गईये आंखें है पत्थराई<br />अच्छी लगती है तन्हाई<br />जब से तुम हो गई...<br />ये दुनिया है इक मेला<br />भीड़ में हूं फिर भी अकेला<br />जब से तुम हो गई...<br />अश्क बहाते हैं ये नैन<br />अब न दिल को मेरे चैन<br />जब से तुम हो गई...<br />न चिड़िया करती मुझसे बातें<br />अब न फूल ही मुझको भाते<br />जब से तुम हो गई...<br />चाहता हूं सूरज छिप जाए<br />अगला दिन कभी न आए<br />जब से तुम हो गई...<br />मेरी सांसें भी थम जाएं<br />मुझको नींद से न कोई जगाए<br />जब से तुम हो गई...vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-78022936380246830462009-01-28T01:36:00.000-08:002009-01-28T01:43:10.287-08:00ख़्वाबमेरी मां हत्थां दे विच<br />बुणदी ऐ कुझ ख़्वाब<br />पहला ख़्वाब बुणिया सी<br />पुत्त नूं जमण दा<br />दूजा, पुत्त दे अफ़सर लगण दा<br />तीजा ख़्वाब बुणिया सी<br />पुत्त दे सेहरा बझण दा<br />हुण मेरी मां बुणदी ए<br />फिर कुझ कू ख़्वाब<br />उणदी ए उह ख़्वाब<br />दादी बनण दे<br />चक्कदी ए उह कुंडे<br />पोतरे दीयां जराबां दे<br />नूंह नूं दिंदी ए आशीर्वाद<br />रब्ब सुणु मेरी फ़रियाद<br />घर विच आऊ राजकुमार<br />मेले लगणगे<br />हुण मेरी मां उणदी ए<br />कुझ ख़्वाबvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-59734977390195132392009-01-17T03:20:00.000-08:002009-01-17T03:22:53.340-08:00अक्ख दा हंजूमेरी अक्ख दा हंजू वी<br />करदा है मेरे नाल बातां<br />याद कराउंदा है मैंनू ओह<br />मेरीयां विसरीयां यादां<br />अक्ख दे हंजू चों ही मैंनू<br />दिसदा उसदा परछावां<br />इह मरजाणा भुलण न देंदा<br />मैं उस नूं किवें भुलावां<br />मैं चोहंदा हां इह सुक जावे<br />इह सुक जावे, इह मुक जावे<br />तां जो मैंनू फिर कदी वी<br />मेरे बीते दी याद न आवेvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-83941783019433072642009-01-12T04:20:00.000-08:002009-01-12T04:31:39.290-08:00दिल दा सेकमेरे जिस्म दी अगन दे अंदर<br />धुखदा है मेरा दिल<br />दिल दा महरम वाजां मारे<br />इक वारी आके मिल<br />अक्खां चो वगदे अथरू वी<br />लगदे ने जिऊं लावा<br />इक वारी आके मिल जावे<br />दिल दा सेक वखावां<br />दिल मेरा ही दिल मेरे नूं<br />अंदरो-अंदरी खाई जावे<br />पर मिलने दी आस न छडी<br />शायद कदी मिल जावेvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-30602074185300936142008-09-24T04:53:00.000-07:002008-09-24T07:55:18.057-07:00पीड़कोई न जाने इश्क़ की ज़ात को<br />न कोई पहचाने तेज़ाब की बरसात को<br />खिला फूल तो है सदा ही महकता<br />कोई न जाने सूखे पत्तों के जज़बात को<br />कोई न जाने दिल की पीड़ को<br />कोई न देखे दिल होए लीरो-लीर को<br />इश्क़ के सागर में लगाते हैं सारे ही डुबकी<br />न कोई पहचाने <u>शिकरे</u> यार को<br />कोई न जाने ग़ज़ल की बहर को<br />न कोई पहचाने ग़ज़ल के ज़हर को<br />ये हल्के-हल्के है दिल में उतरता<br />जो रोक देता है धड़कनों की लहर को<br />शिकरा- दिल का मांस खाने वाला पक्षीvijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com19tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-3961900025888303292008-09-17T05:06:00.001-07:002008-09-22T07:43:16.361-07:00फ़ासला<p align="left"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgAJ6bWK2Wlq2q9yNXZpkaCGhaUrGpZ_MfLtxA90PsJ-cfsxzr0qyl1SSbVxH08q8_guCWodPRD5-fvSAHAul5jCqkGTApBMA_7P5dbbhtXzg4PR6GNWTK9up92lZsLcv0QBAW_-xgXFZc/s1600-h/fasla.jpg"></a></p><br /><p align="left"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5246960847545095858" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgAJ6bWK2Wlq2q9yNXZpkaCGhaUrGpZ_MfLtxA90PsJ-cfsxzr0qyl1SSbVxH08q8_guCWodPRD5-fvSAHAul5jCqkGTApBMA_7P5dbbhtXzg4PR6GNWTK9up92lZsLcv0QBAW_-xgXFZc/s320/fasla.jpg" border="0" /></p><p><br /><br />दो कू पैर पुट्टे ने ते मैं गया हां रुक<br />नाप रिहा हां धरती ते अंबर विचला फ़ासला<br />दो कू ही बुरकियां ने अजे खादीयां<br />नाप रिहा हां खेतां ते थाली विचला फ़ासला<br />भैण छोटी नूं खेडदियां लिया है चुक<br />नाप रिहा हां मैं खेड ते डोली विचला फ़ासला<br />मां ते दादी नूं मैं गल्लां करदे वेख के<br />नापदा हां मैं नूंह ते मां दे विचला फ़ासला<br />बाप दे मोडियां तों बोरी मैं लई है चुक्क<br />नाप रिहा हां मैं बोरी ते अरथी विचला फ़ासला</p><p><span class=""></span> </p><p>अनुवाद</p><p>दो क़दम चला हूं अभी और गया हूं रुक</p><p>नाप रहा हूं मैं धरती और अंबर के बीच का फ़ासला</p><p>दो ही निवाले अभी है खाएं</p><p>नाप रहा हूं खेत और थाली के बीच का फ़ासला</p><p>बहन छोटी को खेलते लिया है उठा</p><p>नाप रहा हूं खेल और डोली के बीच का फ़ासला</p><p>मां और दादी को बातें करते देखकर</p><p>नापता हूं मैं बहु और मां के बीच का फ़ासला</p><p>बाप के कंधों से बोरी मैंने ली है उठा</p><p>नाप रहा हूं बोरी और अर्थी के बीच का फ़ासला</p>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-72509886811140415622008-07-23T04:08:00.000-07:002008-07-23T04:25:15.557-07:00इश्क़ ही रब्ब<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh91Vw_TDDWCLBCsqzvh72ylHOhMmLoN59qyp8cHwF1tzvO0_7mjTnb2fV0OhOXfTyjAVg_gBNpZzoxSzW78ogYjLkRHWr6GK_qcFZkaQ6yQWTUsRUiUDxYONq5x65xp5hsxTj8Lx9zaW8/s1600-h/ishq.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5226168934576330514" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh91Vw_TDDWCLBCsqzvh72ylHOhMmLoN59qyp8cHwF1tzvO0_7mjTnb2fV0OhOXfTyjAVg_gBNpZzoxSzW78ogYjLkRHWr6GK_qcFZkaQ6yQWTUsRUiUDxYONq5x65xp5hsxTj8Lx9zaW8/s320/ishq.jpg" border="0" /></a><br /><div align="center">लोक आखदे इश्क़ है ज़ात रब्ब दी</div><div align="center">मैं आखदां इश्क़ ही रब्ब हुंदा</div><br /><div align="center">रब्ब लभदे लोक मंदरा-मसीतां विच</div><div align="center">बिन वेखे ही रब्ब दा दीदार हुंदा</div><br /><div align="center">सस्सी लभिया रब्ब विच मरुथलां</div><div align="center">हीर रांझण रब्ब लई ज़हर प्याला पीता</div><br /><div align="center">सोहणी महिवाल यार विच झिनाब पाया</div><div align="center">लैला दे इश्क़ ने मजनूं मलंग कीता।</div><br /><div align="center"></div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-6451947841011136352008-07-20T06:58:00.000-07:002008-07-20T07:12:05.799-07:00हीर<div align="center"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5sx7UD_B3KN9Rp3FAsZv-BgIqLY307QPAf3h4MToVz_y-dYowDskwniY8Xl-b-d0BUGFId01Egdh0lFLFvuRjyXiJy9BK6Ks-HYQgMpYrG6E8IBKWVQ6wUTHELOTuhManxwS_CZxjpqU/s1600-h/heer.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5225098242011185906" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh5sx7UD_B3KN9Rp3FAsZv-BgIqLY307QPAf3h4MToVz_y-dYowDskwniY8Xl-b-d0BUGFId01Egdh0lFLFvuRjyXiJy9BK6Ks-HYQgMpYrG6E8IBKWVQ6wUTHELOTuhManxwS_CZxjpqU/s320/heer.jpg" border="0" /></a><br />हीर सियाली कर्मां वाली<br />जिस रांझण ना पाया<br />इक उडारी ऐसी मारी<br />आल्हणा खेड़ियां दे घर पाया<br />बिण रांझण ना जीया जावे<br />जा मौत नूं गले लगाया<br />मैं वी हां इक हीर सलेटी<br />जिस जोगी वर पाया<br />इस जोगी मैनूं कीता कमली<br />सारी उम्र रुलाया<br />अक्खीयां थक्कीयां तक-तक बूहा<br />पर जोगी ना आया<br />नां जियोंदी हां, ना मोई हां<br />रब्बा इह की खेड रचाया </div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-62718877660210811162008-07-19T02:48:00.000-07:002008-07-19T03:09:57.257-07:00मैं वारी जावां<div align="center"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgRPp-oPXg5yBBbhehEH5Hye17BAeE013KN5LY5bCM0Ei5DMIVmmXf6xyM9Mw5KuRNb-NFqDJU4TO8ZRaa7UUaDiFHmZILJkEyHkx63OSk6wYRgl6EM0v2TYTwysz_GqARWqEgAhfbLFao/s1600-h/wari+jawan.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5224665110859606706" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgRPp-oPXg5yBBbhehEH5Hye17BAeE013KN5LY5bCM0Ei5DMIVmmXf6xyM9Mw5KuRNb-NFqDJU4TO8ZRaa7UUaDiFHmZILJkEyHkx63OSk6wYRgl6EM0v2TYTwysz_GqARWqEgAhfbLFao/s320/wari+jawan.jpg" border="0" /></a><br /><div align="center">मैं वारी जावां</div>मेरा सज्जन घर आया<br />बांहीं उहदे रंगला चूड़ा<br />जिऊं संध्या दी लाली<br />पैरीं उहदे पाई झांजर<br />उहदी टोर हिरणीयां वाली<br />मैं वारी जावां<br />मेरा सज्जन घर आया<br />अक्खीं उहदे कज्जले दी धारी<br />जिवें रात कोई शगनां वाली<br />मत्थे उहदे टिक्का चमके<br />जिवें चन्न दी चानणी मतवाली<br />सदके जावां उस अमड़ी दे<br />जिस इस नूं है जाया<br />मैं वारी जावां<br />मेरा सज्जन घर आया<br /></div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-68463914196048576692008-07-18T07:53:00.000-07:002008-07-18T07:59:27.156-07:00कौन कहता है...<div align="left">कौन कहता है कांटे प्यार नहीं करते</div><div align="left">कोई कम्बख़त फूलों से पूछकर तो देखे</div><div align="left">कौन कहता है हवाएं आगोश में नहीं भरतीं</div><div align="left">कोई पेड़-पौधों से पूछकर तो देखे</div><div align="left">कौन कहता है पत्थर धड़कते नहीं</div><div align="left">कोई शिल्पकार बनकर तो देखे</div><div align="left">कौन कहता है समुद्र रोता नहीं</div><div align="left">कोई साहिल पर बैठ उसके आंसूं तो पोंछे</div><div align="left">कौन कहता है ख़ामोशी बोलती नहीं</div><div align="left">कोई ख़ुद से बातें करके तो देखे</div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-6560036267527079212008-07-17T08:52:00.000-07:002008-07-17T09:02:47.043-07:00प्यार<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjC6b_oeWaf5OCQSEQPo2SYfE9dmM5iP_ty7Uop0S23NRF7sOsxZztX9R0V4bs-x9w8ULvsgW3vCjrN4nETTOiQyZuHK99f8fEhW-QkRB2bSaYVgEx9LWHlqFg1OYEPdf4KgNn_2rZBygE/s1600-h/rose.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5224014003394455410" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjC6b_oeWaf5OCQSEQPo2SYfE9dmM5iP_ty7Uop0S23NRF7sOsxZztX9R0V4bs-x9w8ULvsgW3vCjrN4nETTOiQyZuHK99f8fEhW-QkRB2bSaYVgEx9LWHlqFg1OYEPdf4KgNn_2rZBygE/s320/rose.jpg" border="0" /></a><br /><div align="center">कौन कहता है कांटें प्यार नहीं करते</div><div align="center">कोई कम्बख़त फूलों से पूछकर तो देखे</div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5406274522478914121.post-20895967903235035702008-07-16T02:36:00.000-07:002008-07-16T02:53:40.242-07:00तेरा चेहरा<div align="center"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhg7L7g0mipsdoavOjgWi0awFzzm9GSTanx3qJQL4ZjqnHjdKwkkQCk2ov7nCWpSvfvjZExijdpIJe-6P_b86IyLS8g_MdqWXjJ-cEsrSkjrRDfgM4ugnBCqzKjt5qRUqC9UCS77D7FzqA/s1600-h/face.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5223546957585216818" style="DISPLAY: block; MARGIN: 0px auto 10px; CURSOR: hand; TEXT-ALIGN: center" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhg7L7g0mipsdoavOjgWi0awFzzm9GSTanx3qJQL4ZjqnHjdKwkkQCk2ov7nCWpSvfvjZExijdpIJe-6P_b86IyLS8g_MdqWXjJ-cEsrSkjrRDfgM4ugnBCqzKjt5qRUqC9UCS77D7FzqA/s320/face.jpg" border="0" /></a><br /><div align="center"><span class="">तेरा</span> चेहरा देखूं</div>तो मेरा दिन निकले<br /><br />तेरे सुर्ख़ गाल देखूं<br />तो सुरमयी शाम ढले<br /><br />तेरे घने बाल<br />जैसे काले बादल बहकें<br /><span class=""></span></div><div align="center">तेरे तीखे नैन<br />जैसे बिजली चमके<br /><br />तू चले तो तेरी चाल<br />मेघ राग कहे<br /><br />तेरा चेहरा देखूं<br />तो मेरा दिन निकले। </div>vijaymaudgillhttp://www.blogger.com/profile/10488293173878643670noreply@blogger.com6