Wednesday, July 16, 2008

तेरा चेहरा


तेरा चेहरा देखूं
तो मेरा दिन निकले

तेरे सुर्ख़ गाल देखूं
तो सुरमयी शाम ढले

तेरे घने बाल
जैसे काले बादल बहकें
तेरे तीखे नैन
जैसे बिजली चमके

तू चले तो तेरी चाल
मेघ राग कहे

तेरा चेहरा देखूं
तो मेरा दिन निकले।

6 comments:

शोभा said...

सुन्दर और भावभीनी अभिव्यक्ति।

Vinay said...

पसंद आयी यह अभिव्यक्ति!

Anonymous said...

bhut sundar. smart ladki hai. jari rhe.

Udan Tashtari said...

Badhiya.

शायदा said...

विजय बाबू.....धीरे चलो। सुंदर लिखा।

seema gupta said...

तेरा चेहरा देखूं
तो मेरा दिन निकले।

"beautiful composition"