कहां है संगीत
जो हम िचड़ियों की चहचहाहट में सुनते थे
कहां है संगीत
जो हम झरते हुए झरने, नदियों और नहरों के पानी में सुनते थे
कहां है संगीत
जो हवा चलने पर पत्तों की खड़खड़ाहट से पैदा होता था
शायद हमने उस संगीत को दबा दिया
मैं सुनना चाहता हूं वो संगीत
कोई सुनाओ मुझे वो संगीत
No comments:
Post a Comment