मैंने सुना है संगीत
एक बच्चे से
जिसके हाथ में है इकतारा
वो गा रहा है मां हुंदी ऐ मां ओ दुनिया वालियों
मैंने सुना है संगीत उसके फटे हुए कपडों से
जिसमें से गा रहा है उसका बदन
मैंने सुना है संगीत
रेल के ठंडे फर्श पर रखे उसके नंगे पांव से
मैंने सुना है संगीत
ठंड से नीले पड गए उसके होंटों से
मैंने सुना है संगीत उसकी आंखों से
जो लोगों के हाथ में तलाश रहीं हैं एक रूपया
यह संगीत मुझे उदास कर देता है
-विजय मौदगिल
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