जब एक बच्चा रोता है
तो मां उसे अपनी आगोश में लेती है
जब पत्नी नाराज़ होती है तो
पति उसे अपनी आगोश में लेता है
चिड़िया शाम को आती है
तो घोंसला उसे अपनी आगोश में लेता है
बारिश बरसती है
तो सिप्पी बूंदों को आगोश में लेती है
बहती हुई नदिया को
समुद्र अपनी आगोश में लेता है
और समुद्र को
अपनी आगोश में लेती है धरती
जब सांझ ढलती है
तो रात उसे अपनी आगोश में लेती है
और रात को अपनी आगोश में लेता है दिन
कितनी प्यारी है ये आगोश
1 comment:
bahut achche.aagosh mein panaah har kisi ko nhi milti aur jise mil jaye to phir usse badhkar jannat nhi hoti.
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